10 प्राकृतिक दर्द निवारक जो घर में हैं मौजूद | 10 Natural Pain Relievers You Can Have Around the House

सही आहार से शरीर को सभी खनिज, विटामिन और पोषक तत्व उचित मात्रा में मिलते हैं। आपके घर के रसोई में कई ऐसे वस्तुएं हैं जो आपकी छोटी मोटी दैनिक परेशानिया जैसे हिचकी आना, खुजली, सीने में जलन आदि को कम कर सकते हैं। हालाँकि यह बात ध्यान रहनी चाहिए कि गंभीर स्थिति में डॉक्टर का परामर्श आवश्यक है। नीचे 10 वस्तुएं जो आपके किचन में मौजूद दस प्राकृतिक दर्द निवारक योग्य है, का उपाय बताया जा रहा हैं जिनका उपयोग आपको स्वास्थ्य से संबंधित छोटी मोटी कुछ समस्याएं यदि हैं तो उसके लिए किया जा सकता है।  
 

1. पीरियड्स में दर्द के लिए अदरक –

पारंपरिक चीनी औषधि 2000 से अधिक वर्षों से अदरक पर विश्वास तथा प्रयोग करती है। अदरक एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक अौषधि है। अदरक से रक्त का प्रवाह बढ़ता है तथा मांसपेशियों की सूजन कम होती है। जिसमें गर्भाशय की वे मांसपेशियां भी शामिल हैं, जहाँ से ऐंठन उत्पन्न होती है। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में भी यह पाया गया है कि माहवारी के दौरान होने वाले दर्द में अदरक बहुत लाभदायक है। अपनी माहवारी के इस समय को सहन करने योग्य बनाने के लिए अदरक युक्त चाय का सेवन करें। 

2. मूत्रमार्ग संबंधित परेशानी के लिए कैनबेरीज़ (करौंदा) –

कैनबेरीज़ में प्रोनथोसियानिडिंस होता है। यह एक यौगिक होता है जो मूत्रमार्ग में संक्रमण(यू.टी.आई.) पैदा करने वाले बैक्टीरिया और ई कोलाई से संक्रमण की रोकथाम करने में सहायक होता है। यह संक्रमण पैदा करने वाले बैक्टीरिया को ब्लेडर की दीवार से चिपका देता है। यदि आपको यूटीआई  समस्या पहले से है तो शायद कैनबेरीज़ इसे ठीक न कर पायें परन्तु यह आपको भविष्य में होने वाले संक्रमण से बचने में सहायक होगा। लगभग 20 प्रतिशत महिलाएं जिन्हें एक बार यूटीआई हो चुका है उन्हें पुन: यह संक्रमण होने की संभावना होती है जिसे रोकने के लिए आपको एक दिन में एक या दो गिलास 20 प्रतिशत शुद्ध कैनबेरी जूस पीना चाहिए।

3. पीएमएस के लिए कैल्शियम से समृद्ध आहार –

क्या आपको पीरियड्स आने के पहले मूड बदलना और चिडचिडाहट या दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है? तो ध्यान दे आप अकेली ऐसी नहीं हैं। लगभग 85 प्रतिशत महिलायें प्रतिमाह कम से कम एक पीएमएस से ग्रसित होती हैं। अच्छी बात यह है कि आप अपने आहार में सुधार करके आप इन लक्षणों को कम कर सकते हैं। “ऐसा देखा गया है कि पीएमएस से प्रभावित लोगों के रक्त में कैल्शियम का स्तर कम होता है।” राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के अनुसार एक वयस्क को प्रतिदिन लगभग 1000 मिलीग्राम कैल्शियम का सेवन करना चाहिए। याद रखें डेयरी उत्पाद कैल्शियम से समृद्ध होते हैं परन्तु इसके अलावा बादाम, ब्रोकोली, हरी पत्तेदार सब्जियां, मछली आदि में भी कैल्शियम पाया जाता है। 

4. एक्ज़िमा के लिए ओटमील –

नाश्ते में खाया जाने वाला यह खाद्य पदार्थ त्वचा पर होने वाले खुजली को कम करने में सहायक है। ओटमील रेशेस को कम करता है क्योंकि इसमें फ़ोटोकेमिकल्स होते हैं जिनमें जलनरोधी गुण पाया जाता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि 1/3 कप सादे ओटमील को पीसें तथा इसका पावडर बनाये तथा इस पावडर को गुनगुने पानी में डालें और उसे हाथ से तब तक मिलाएं जब तक पानी दूधिया न हो जाए। इसे नहाते समय शरीर पर लगायें। अन्य विकल्प: ¼ कप ओटमील तथा पर्याप्त पानी मिलकर पेस्ट बनायें तथा इसे दस मिनट तक त्वचा पर लगाकर रखें।

5. सी सॉल्ट ड्राई स्‍किन के लिए –

आपको अपने घुटनों, कुहनियों और एड़ियों के खुरदुरेपन को दूर करने के लिए महंगे उत्पादों पर पैसे खर्च करने की आवश्यकता नहीं है। सी सॉल्ट से घर पर बनाया हुआ स्क्रबर ही बहुत उपयोगी होता है। सी सॉल्ट एक अच्छे एक्स्फोलियेटर की तरह कार्य करता है क्योंकि इसके कण कुछ मोटे होते हैं जो सूखी त्वचा को स्वच्छ करते हैं। लेकिन इस स्क्रबर को संवेदनशील भागों जैसे चेहरे और आपके हाथों के पीछे के भाग पर न लगायें। क्योकि यह ऐसी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है जिसे ज़्यादा एक्स्फोलियेट करने की आवश्यकता न हो।

6. सूजी आँखों के लिए खीरा –

खीरे के ठंडे टुकड़ों को आँखों पर रखना थोड़ा मूर्खतापूर्ण लग सकता है परन्तु आँखों की सूजन दूर करने का यह एक बहुत पुराना तथा विशेष उपाय है। खीरा जिसमें लगभग 95 प्रतिशत पानी होता है आँखों को ठंडक पहुंचाता है जिसके कारण रक्त वाहिकाएं सिकुड़ती है तथा सूजन कम होती है। यही कारण है कि आइस पैक की तुलना में खीरे अधिक उपयोगी होती है। आँखों को ताज़ा दिखाने के लिए इसे केवल 10 मिनट तक अपनी आँखों पर रखें।

7. कब्ज़ के लिए आलू बुखारा – 

सूखे हुए प्लम्स में प्रचुर मात्रा में अघुलनशील फाइबर होता है जो कब्ज़ से लड़ने में प्रमुख रूप से सहायक है। चूकि अघुलनशील फाइबर पानी में नहीं घुलता तथा यह अधिक मात्रा में ठोस अवशिष्ट बनता है जिससे अवशिष्ट पदार्थों को पाचन तंत्र से निकाला जा सके। दिन में एक आलू बुखारे से शुरुआत करें तथा यदि इससे कोई फर्क न लगे तो इसकी मात्रा दो तक बढ़ाएं।

8. हिचकियों के लिए शक्कर –

जब हिचकियाँ आती हैं तब आपके डायफ्राम में ऐंठन की श्रृंखला उठती है परन्तु आप अपनी जीभ के नीचे थोड़ी सी शक्कर रखकर इसे रोक सकते हैं। मीठा स्वाद बहुत अधिक तीव्र होता है जो वेगास तंत्रिका को उत्तेजित कर देता है। यह आपके शरीर की सबसे लंबी कपाल तंत्रिका होती है जो आपके ब्रेन स्टेम से प्रारंभ होती है तथा वहां तक फैली होती है जहाँ डायफ्राम पेट पर नियंत्रण करता है। जब तक हिचकियाँ बंद न हो जाएँ तब तक शक्कर को अपनी जीभ के नीचे रखें तथा फिर इसे निगलें जिससे आपके गले का पिछला भाग भर जाए।

9. हार्टबर्न के लिए सेब –


प्रतिक्रियात्मक पदार्थ जैसे सोड़ा, उच्च वसा युक्त मांस तथा तले हुए पदार्थ जिनसे एसिडिटी हो, न खाएं। एक ऐसा खाद्य पदार्थ जिसे प्रतिदिन अपने आहार में अवश्य शामिल करें वह है सेब। सेब में पेक्टिन नामक घुलनशील फाइबर होता है जो पेट में बनने वाले एसिड को अवशोषित कर लेता है।

10. संक्रमण में हल्दी –

हल्दी को भारत में शुभ तथा पवित्र पावडर माना जाता है जिसका उपयोग संक्रमण रोकने और घावों को ठीक करने के लिए किया जाता है। इसमें कर्कुमिन नामक यौगिक पाया जाता है। ऐसे खाद्य पदार्थ जिनमें कर्कुमिन पाया जाता है उनमें जलनरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो क्लींजिंग (सफ़ाई) और हीलिंग (घाव भरना) में सहायक होते हैं। यदि आपकी दवाईयों की आलमारी में एंटीबायोटिक मरहम नहीं है तो अपनी खरोच या घाव पर थोड़ी सी हल्दी लगायें। परन्तु यह केवल छोटे मोटे घावों के लिए ही ठीक है। बड़े घावों होने पर डाक्टर को तुरंत दिखाएं। 
Mahak

Mahak

Mahak is a dedicated government employee working in the medical department, with a passion for writing. She was born and raised in Uttar Pradesh, India. She has been writing short stories, Women, Elder care, Child Care and poems since she was a child, and has continued to hone her skills over the years. Her writing has been published in several literary magazines and anthologies.

Leave a Comment

Generic selectors
Exact matches only
Search in title
Search in content
Post Type Selectors