ऐसा मानना होता है कि हाल ही में जन्मे बच्चे और छोटे शिशुओं को तकिया लगाना उनके स्वास्थ्य के दृष्टि से सही नहीं होता है। ये सही बात है, कि छोटे बच्चों तथा नवजात शिशुओ को तकिया लगाना खतरनाक साबित हो सकता है।इसलिए बेहतर यही होगा कि मां उन्हें गोद में या फिर बिस्तर पर सीधे ही सुलाएं। आइये जानते है कि बच्चे को तकिया नहीं लगाने के पीछे क्या कारण होते हैं:
1. सांस की परेशानी
तकिया लगाने से बच्चे की सांस नली अंदर से मुड़कर दब सकती है। चूंकि उनका शरीर काफी नाजुक होता है तो ऐसे में बच्चे का दम घुट सकता है।
2. शिशु मृत्यु सिंड्रोम
तकिया को लगाने से बच्चे में अचानक शिशु मृत्यु सिंड्रोम हो सकता है क्योंकि तकिया लगाने से सांस नली अवरूद्ध तथा फेफड़े पर दबाव हो सकती है।
3. ओवरहीटिंग
फैंसी तकिए गर्म होते हैं और बच्चे को लगाने से उनके सिर में गर्मी पैदा हो सकती है जिससे उन्हें नुकसान ही पहुँचेगा, और बच्चा इससे अच्छी नींद नहीं ले पायेगा। कई बार यह जानलेवा भी होता है।
4. गर्दन मुड़ना
तकिए इतने ज्यादा गुदगुदे होते हैं कि उनसे गर्दन मुड़ने का डर रहता है। बच्चों के गले के पास की हड्डी बहुत नाज़़क होती है, अगर वह खिसक जाती है तो बच्चा बहुत रोता है। ऐसे में तकिया लगाना, इस समस्या को पैदा कर सकता है।
5. सपाट सिर होनाबच्चे को तकिया लगाने से उसका सिर फ्लैट हो सकता है, क्योंकि उसे सिर पर लगातार प्रेशर पड़ता रहता है।
नवजात शिशु अथवा बच्चे को सुलाते समय सदैव निम्न बातों का ध्यान रखें:
- बच्चे को हमेशा अपनी बैक पर सुलाएं न कि सीने पर।
- 2 साल ही उम्र तक बच्चे को तकिया न लगाएं।
- बच्चे का तकिया, फ्लैट और फर्म होना चाहिए।
- बच्चे के सिर की स्थिति हर दो घंटे में बदलते रहना चाहिए।
- बच्चे के रूप में कोयला, हीटर या कोई भी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट लगाकर न छोडें।