जानें आई बूगर्स के बारे में | What is Eye boogers

जरूरी बातें

क्या रोज़ सुबह उठने पर आपको आंखों में पपड़ी या चिपचिपाहच मिलती है? और आपको समझ नहीं आता कि ये क्या है और रोज़ कहां से पैदा हो जाता है। ये दरअसल आई बूगर्स कहलाता है। चलिये जानें क्या है आई बूगर्स क्या है और ये क्यों पैदा होता है। 

क्या होता है और क्यों आता है “आई बूगर्स” 

ये पपड़ी या चिपचिपा पदार्थ दरअसल एक प्रकार का रिउम (rheum, कीचड़) होता है, एक पतला बलगम जैसा चिपचिपा पदार्थ होता है जो हमारी आंखों, नाक और मुंह से निकलता है। रिउम (Rheum), बलगम, त्वचा कोशिकाओं, तेल और धूल से बना होता है। आंखों से निकलने वाला रिउम, जो आई बूगर्स बनाता है, गोंद (gound) कहलाता है। इसे आई सैंड, आई गुंक, स्लीप डस्ट, स्लीप सैंड, स्लीप इन योर आईज, आई स्नूटर्स आदि नामों से भी जाना जाता है। आंख से निकलने वाले इस रिउम को ही आई बूगर्स कहा जाता है।

क्या करना चाहिये –

 
  • आंखों से तरल बहाना आपकी टीअर फिल्म (आंसू बनाने वाली परत) का काम होता है, जोकि नेत्र स्वास्थ्य के लिए आवश्यक घटक है।
  • लेकिन यदि तरल ज्यादा हो, अधिक चिपचिपा हो या फिर इसका रंग बदल रहा हो तो ये आंखों से जुड़ी किसी समस्या का संकेत हो सकता है। ऐसे में आंखों के ड़ॉक्टर से एक बार जांच जरूर करा लें।
  • आमतौर पर गोंद (gound) किसी तरह की समस्या पैदा नहीं करता है।
  • आपको तो कई बार इसके होने का पता ही चलता है, क्योंकि ये पलक झपकने से ही चला जाता है।
  • आपकी पलकें गोंद को नियमित रूप इसे नीचे आंसू नलिकाओं के पास धकेलती रहती हैं, जहां ये धुलकर बाहर हो जाता है।
  • जब रात को हम सोतो हैं तो पलकें नहीं झपकते हैं, जिससे गोंद आंखों के किनारों पर इखट्टा हो जाता है। जहां ये सूख जाता है और सुबह को अलग से ही दिखाई देने लगता है।
  • आमतौर पर बनने वाले गोंद से कोई समस्या नहीं होती है, लेकिन कई बार अवरुद्ध आंसू नलिकाओं से लेकर ज्यादा सक्रीय तेल ग्रंथियों आदि के चलते गोंद ज्यादा बनने लगता है।
  • कई बार तो इतना कि, आंखें खोलना भी मुश्किल हो जाता है।
  • इसे कॉटन से साफ कर ठन्डे पानी की छींटे मर कर धुले व साफ कपडे से पोंछे।
Mahak

Mahak

Mahak is a dedicated government employee working in the medical department, with a passion for writing. She was born and raised in Uttar Pradesh, India. She has been writing short stories, Women, Elder care, Child Care and poems since she was a child, and has continued to hone her skills over the years. Her writing has been published in several literary magazines and anthologies.

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