किसी भी होने वाली मां से पूछिए कि उसके गर्भ में पल रहा बच्चा पैर मारता है, तो उसे कैसा लगता है? आपको माँ का प्रशंचित उत्तर मिलेगा कि – “मेरा बच्चा मुझे पैर नहीं मार रहा बल्कि अब वह अंदर से मेरे गले लगने की तथा मुझसे प्यार करने की कोशिश कर रहा है।” वाह! अदभुद अनुभव है! जब आपका बच्चा पहली बार पेट में पैर मारता है तब आपको अनुभव होता है कि आपने मातृत्व के विश्व में प्रवेश कर लिया है जो जीवन का सबसे सुंदर और रोमांचित समय होता है गर्भावस्था।
इस पूरे नौ महीने की सुखद यात्रा के दौरान जो अनुभव और सीख मिलती है उसे शब्दों में नहीं बताया जा सकता। पेट में बच्चे के द्वारा की गयी हर छोटी हरकत आपकी उत्सुकता बढ़ा देती है। और आपको यह जानने और चिंता करने पर मजबूर कर देती है कि बच्चा अंदर क्या करने की कोशिश कर रहा है। बच्चा कैसे किक कर रहा है, कितनी बार किक कर रहा है और बच्चा अभी बहुत ज्यादा तथा अभी किक क्यों नहीं कर रहा? प्रत्येक छोटी बात मां के मस्तिष्क में एक बड़ा प्रश्न उत्पन्न करती है और हो भी क्यों न? आखिरकार उसे अपने बच्चे की प्रत्येक गतिविधि जानने का माँ को पूरा हक़ है।
आइए गर्भावस्था के दौरान बच्चे के किक मारने से संबंधित रोचक तथ्यों के बारे में जानें-
बच्चे के उचित स्वास्थ्य और विकास
ऐसा कहा जाता है कि किक बच्चे के अच्छे स्वास्थ्य का चिन्ह है तथा बच्चा गर्भ के अंदर सक्रिय है।
बच्चा वातावरण में परिवर्तन के प्रति प्रतिक्रिया व्यक्त करता है। और यह बच्चे के उचित स्वास्थ्य तथा सेहत को दर्शाता है।
वातावरण में परिवर्तन
बच्चा वातावरण में परिवर्तन के प्रति तुरंत प्रतिक्रिया दिखाता है, विशेष रूप से तब जब वह कोई बाहरी आवाज़ सुनते हैं या जब माँ की शारीरिक गतिविधि तेज होती है।
बाईं करवट पर
मां जब बाईं करवट पर लेटती है तब बच्चे का किक मारना बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब मां बाईं करवट पर सोती है तब भ्रूण को रक्त की आपूर्ति बढ़ जाती है जिसके कारण बच्चे की हलचल बढ़ जाती है।
खाना खाने के बाद
गर्भवती माताओं को अक्सर यह अनुभव आता है कि उनके खाना खाने के बाद बच्चे का किक मारना ज्यादा हो जाता है।
नौ सप्ताह के बाद ही
यह बात सच है कि जब बच्चा गर्भ में नौ सप्ताह पूरे कर लेता है तो यह किक मारना शुरू कर देता है। वे माताएं जो दूसरी बार मां बन रही है अधिकतर उनमें गर्भावस्था के 13 सप्ताह पूरे होते ही बच्चा किक मारना शुरू करता है।
किक की संख्या कम होना
यदि गर्भ में बच्चे की गतिविधियाँ कम हो तो यह चिंता का कारण हो सकता है। यदि आपके बच्चे के किक सामान्य से कम हो रहे हैं तो इससे यह पता चलता है कि बच्चे को ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो रही है, या बच्चा कमजोर भी हो सकता है।
परन्तु 36 सप्ताह के बाद किक कम होने पर
36 सप्ताह के बाद किक कम होने का यह अर्थ नहीं है कि कोई परेशानी है जैसे आपका बच्चा बड़ा होता जाता है वैसे वैसे यह कम किक करता जाता है।