गर्भावस्था के सत्रहवें हफ्ते में आप पहले से र्भावस्था के अंतिम हफ्ते तक आपके अंदर शारीरिक बदलाव आते रहेंगे। सत्रहवें हफ्ते में हो सकता है कि आपके शरीर पर लाल चकत्ते या एलर्जी महसूस हो।
चकत्तों या एलर्जी के उपचार के लिए आप डॉक्टरी परामर्श के बिना कोई भी दवा न लें। गर्भावस्था के दौरान किसी भी दवा को लेने से पहले आपको अपने चिकित्सक से अवश्य बात करें। अब आप बच्चे कि गतिविधियों के बारे में अधिक सचेत होंगी क्योकि पेट में बच्चे की हलचल महसूस होती होगी। यदि आपको यह महसूस नहीं होता, तो चिंता न करें।
यदि आप एक ही स्थान पर लंबे समय के लिए खड़ी या बैठी रहेंगी तो आपको ऐंठन या दर्द का अनुभव हो सकता है। आप अपनी स्थिति में परिवर्तन करके इस दर्द से राहत पा सकती हैं।
यदि आपको चक्कर आ रहे हैं, तो लेट कर अपने पैरों को तकिये के जरिए थोड़ा ऊपर उठा कर रखे। दिन के दौरान नियमित अवधि के बाद थोड़ा नाश्ता करके आपके रक्त शर्करा का स्तर बनाए रखने की कोशिश करें।
चकत्तों या एलर्जी के उपचार के लिए आप डॉक्टरी परामर्श के बिना कोई भी दवा न लें। गर्भावस्था के दौरान किसी भी दवा को लेने से पहले आपको अपने चिकित्सक से अवश्य बात करें। अब आप बच्चे कि गतिविधियों के बारे में अधिक सचेत होंगी क्योकि पेट में बच्चे की हलचल महसूस होती होगी। यदि आपको यह महसूस नहीं होता, तो चिंता न करें।
यदि आप एक ही स्थान पर लंबे समय के लिए खड़ी या बैठी रहेंगी तो आपको ऐंठन या दर्द का अनुभव हो सकता है। आप अपनी स्थिति में परिवर्तन करके इस दर्द से राहत पा सकती हैं।
यदि आपको चक्कर आ रहे हैं, तो लेट कर अपने पैरों को तकिये के जरिए थोड़ा ऊपर उठा कर रखे। दिन के दौरान नियमित अवधि के बाद थोड़ा नाश्ता करके आपके रक्त शर्करा का स्तर बनाए रखने की कोशिश करें।
शिशु का विकास
- बच्चे के वजन में गर्भावस्था के अंत के समय तेजी से बढ़ोतरी होगी। गर्भावस्था में परिवर्तन के दौरान गर्भनाल मोटी और लंबी बनेगी।
- नाल बच्चे को रक्त और पोषक तत्वों का वहन करती है। बच्चे में तापमान को नियमित रखने में वसा ऊतक मदद करेंगी।
- अब शिशु अपने सिर को ऊपर की तरफ सीधा रख सकेगा, बच्चे के हाथ व पैर की उंगलियों पर पैड बनना शुरु हो जाएगा।
- शिशु की आंखे अब पूरी तरह विकसित हो चुकी हैं, लेकिन ये बंद रहती हैं।
- शिशु की हड्डियां भी पूर्णतया विकसित हो चुकी हैं, तथा अब इन्हें मजबूती भी मिल रही है।
- लचीली हड्डियां जन्म के दौरान जन्म मार्ग से शिशु के आने में मदद करती हैं। शिशु को एक आवरण से संरक्षित किया गया होगा।
- शिशु की त्वचा के नीचे ब्राउन कलर का वसा का दाग विकसित होगा, जो जन्म के समय उसके शरीर के तापमान को बनाए रखने में मदद करेगा।
- शिशु अब शोर और आवाजे सुन सकता हैं। किसी तेज आवाज पर वह चौंक कर या कूंद कर अपनी प्रतिक्रिया दे सकता है।
शरीर में परिवर्तन
- आपका पेट अब थोड़ा बढ़ा हुआ दिखाई देना चाहिए। पेट बढेगा तो आपके आंतरिक अंग बच्चे के लिए जगह बनाने के लिये जल्द ही स्थानांतरण करना शुरू कर देंगे।
- गर्भाशय का शीर्ष भाग अब और गोल होगा। गर्भाश्य आपके पेट के ऊपर की तरफ जाना शुरु करेगा और आपका पेट बाहर की तरफ दिखेगा। आप लेटने की बजाय खड़े होने पर गर्भाश्य को स्पष्ट रुप से महसूस कर सकेंगी। सोते समय आपको घुटनों के बीच तकिया लेकर सोना अच्छा रहेगा। ऐसा करने से सोते समय होने वाली परेशानी से भी बचा जा सकेगा।
- शरीर में रक्त की वृद्धि के कारण स्राव में भी बढोतरी होगी। अत्यधिक पसीने का अनुभव हो सकता है। बलगम झिल्ली में रक्त के प्रवाह कि मात्रा बढ़ने के कारण आपको दम घूटने जैसा महसूस हो सकता है।
- कुछ महिलाओं को योनि स्राव की समस्या भी हो सकती है, लेकिन यह सामान्य है। यदि आपके मन में कोई प्रश्न या शंका है, तो चिकित्सक से बात करें।
- आपको शिशु के जन्म से पूर्व विटामिन लेना और संतुलित आहार का सेवन तथा विटामिन लेना बहुत जरूरी है।
- जितना संभव हो साफ रहे और स्वच्छ कपड़े पहने। ज्यादा पसीना आने पर अपने कपड़े बदलती रहें।
- मौसम के हिसाब से ज्यादा स्नान करने से भी आपको फायदा होगा।
आपकी उम्मीदें
- गर्भावस्था के इस हफ्ते में आपको अपनी स्थिति के बारे में काफी कुछ पता चल गया होगा। गर्भस्थ शिशु का आकार बढ़ रहा है और आपका शरीर में भी परिवर्तन हो रहा है।
- आप अब गर्भावस्था के सामान्य दर्द और वेदना का अनुभव कर रही हैं। आप एक बार सोनोग्राम में बच्चे की हलचल देखने के बाद गर्भवती होने पर खुशी महसूस करती हैं।
- डॉक्टर के साथ प्रत्येक अपाइंटमेंट पर आपके रक्तचाप का परीक्षण और वजन की निगरानी की जाएगी। शिशु स्वास्थ्य रहे, इसके लिए अल्फा फेटोप्रोटीन परीक्षण या एएफपी 15वें और 17वें हफ्ते के बीच किया जाता है।
- ट्रिपल टेस्ट भी किया जाता है, यह दो परीक्षण बच्चे के लिए मायने रखने वाले गुणसूत्र का निर्धारण करने में मदद करते हैं।
- ये सभी परीक्षण हानि रहित रक्त परीक्षण होते हैं, उनसे भ्रूण को कोई नुकसान नहीं होता।
- डॉक्टर आपका 3डी या 4डी में अल्ट्रासाउंड कर सकते हैं, जिससे आपको यह पता लगेगा कि आपका बच्चा कैसा दिखाई देता है।
- एक अन्य परीक्षण से बच्चे में जन्मजात किसी दोष का पता लगाया जा सकता है। यह परीक्षण माताओं के लिए डरावना होता है। इसमें डॉक्टर एक सुई का इस्तेमाल करके गर्भाश्य से एमनिओटिक द्रव का नमूना जन्मदोष का परीक्षण करने के लिए लेते हैं।
- इस जांच में अगर सुई बच्चे के पास जाती हैं, तो गर्भपात का जोखिम भी बना रहता है।
सलाह
- गर्भावस्था के सत्रहवें हफ्ते में आपके कई परीक्षण किए जाते हैं। यदि इन परीक्षणों से संबंधित आपके मन में कोई भी सवाल हो, तो आप डॉक्टर से बात करें।
- आप अपने जीवन साथी से बात करने के बाद जांच का निर्णय लें। गर्भावस्था के इस समय में आप अपनी हर बात तथा अनुभव को अपने पार्टनर के साथ जरूर साझा करें।
- आगे आने वाले समय में अभी आपके शरीर में और परिवर्तन होंगे। जिन्हे अनुभव कर आप झूम उठेंगी तथा अपनी गर्भावस्था पर खुश हो उठेंगी।