19वां सप्ताह, गर्भावस्था का मध्य | 19th week, mid pregnancy

गर्भावस्‍था का उन्‍नीसवां सप्ताह तथा आपकी दूसरी तिमाही चल रही है। इस दौरान आपके शरीर के साथ गर्भ में पल रहे शिशु में भी कुछ नए परिवर्तन होने शुरू हो जाएंगे। इस सप्‍ताह को गर्भावस्था का मध्यअवस्था भी कहते हैं। गर्भावस्था के बीते समय के साथ अब तक आपने गर्भावस्था में बदलने वाली मानसिक और शारीरिक स्थिति के साथ अच्छी तरह से समायोजन कर लिया होगा। गर्भावस्था के हफ्तों की बढ़ाते स्तर के साथ विटामिन और लौह तत्वों की कमी विकसित होने की उम्‍मीद होती है। इसलिए चिकित्सक के परामर्श के अनुसार शिशु के जन्म पूर्व के विटामिन और लौह पूरक (आयरन) लेना जारी रखें। समय गुजरने के साथ आपको बच्चे की हलचल और लात मारना इत्यादि अधिक महसूस होना शुरू होगा। भ्रूण हलचल अधिकांशतः माताओं के गर्भावस्था के सामान्य होने का लक्षण है। यदि आपको कुछ अटपटा या आशंकित है, तो अपने चिकित्सक से संपर्क करें। एक सोनोग्राम आपके डर को शांत करने के लिए हो सकती है।
शिशु का विकास –
  • इस सप्‍ताह में बच्चे का विकास तेजी से होगा। बच्चे के गुर्दे अब मूत्र उत्पादन शुरू कर रहे हैं और बच्चे के सिर पर कुछ बाल बढ़ेंगे।
  • बच्चे के मसूड़ों का अच्छी तरह से विकास हो रहा है।
  • बच्चे के मस्तिष्क में अतिरिक्‍त महत्वपूर्ण बदलाव तथा मस्तिष्क का एक क्षेत्र जहां से मस्तिष्क इंद्रियों पर नियंत्रण कर सकता उभरना शुरू हुआ है।
  • आप देखेंगी कि सोनोग्राफर ने बच्चे को सिर से दुम तक और अब सिर से पैर की अंगुली तक मापना शुरु करेंगे। भ्रूण की लंबाई इस समय सात से साढ़े सात इंच के करीब और वजन सात औंस होना चाहिए।
  • बच्चे की हड्डियों में कठोरता आ रही है और मांसपेशियां मजबूत बन रही हैं।
  • आपको अब बच्चे कि हलचल महसूस होती है, तो आपको उसकी लात कई बार तेज भी लगती होगी।
  • अब बच्चा दिनभर में 20 घंटे तक सोना शुरू कर देगा। यदि आप पहली बार गर्भवती हुई हैं तो आपको लेटने पर ज्‍यादा हलचल महसूस होगी।
  • इस हफ्ते बच्चा गर्भ के बाहर हो रही आवाजों को भी सुन सकता है।
शरीर में परिवर्तन –
  • गर्भावस्था में प्रगति होने के साथ आपकी शुष्क त्वचा के कारण अधिक खुजली होना शुरू होगी।
  • ज्यादा पानी पीने के द्वारा हाइड्रेटेड रहना वास्तव में सूखी त्वचा के लिए मददगार होता है। इसके लिए आप एक मॉश्‍चराइजर का भी इस्तेमाल कर सकती हैं।
  • पेट या स्‍तनों पर खिंचाव के निशान दिखाई दे सकते हैं। खिंचाव के निशान होने पर कोकोआ मक्खन का उपयोग करना सबसे अच्छा है।
  • इस सप्‍ताह में ज्‍यादा पसीना आता है। यदि मौसम अनुकूल है तो आप दिन में तीन बार स्‍नान कर सकती हैं। कैफीनयुक्‍त पेय पदार्थों से दूर रहे वे आपको ज्‍यादा प्यासा बना देते हैं।
  • कुछ महिलाओं को दिल तेजी से धड़कने, बेहोशी और चक्कर आने की समस्‍या हो सकती है। यह आयरन की कमी के कारण होने वाली परेशानी है।
  • चिकित्सक एनीमिया के लिए आपका रक्‍त परीक्षण करना चाहेंगे। बच्चे की लाल रक्‍त कोशिकाएं अभी विकसित हो रही, इसलिए आपका रक्‍त परीक्षण हुआ है, ये सुनिश्‍िचत करें।
  • चक्कर आने का कारण रक्‍त शर्करा की कमी हो सकता है, ऐसी किसी भी समस्‍या को रोकने के लिए आपको दिन में थोड़ी-थोड़ी देर पर हल्‍का खाना लेना चाहिए।
  • गर्भावस्था में हाइपरटेंश्‍न आम है। पीठ पर लेटने से आपको दिल में जलन और सांस लेने में समस्या हो सकती है। ऐसे में डॉक्‍टर आपको करवट लेकर सोने की सलाह देते हैं।
  • अपने पक्ष पर सोते समय आप पैरों को ऊंचे स्‍थान पर रखकर सासेने की कोशिश करें। आपको स्नायु दर्द का अनुभव हो सकता है, यह दर्द एक कूल्‍हे के क्षेत्र से पेट से आता है।
  • यह दर्द कमर बढ़ने से हो सकता है, अगर आपको इस तरह का दर्द हो रहा है, तो आप अपने चिकित्सक से बात करें।
आपकी उम्मीदें –
अब आपका बच्चा गर्भ के बाहर की आवाजों से अवगत होने लगा है। वह बाहरी आवाज से चौंक सकता है। आपके परिवार का कोई सदस्‍य पेट पर कान लगाकर बच्‍चे से बात करने की कोशिश कर सकता है। बच्चे से चिल्लाकर बात करने कि जरुरत नहीं है, कोमल आवाज में बात करना अच्छा है। गर्भावस्था के इस बिंदु पर गर्भपात का खतरा कम होने पर आप राहत महसूस कर सकती हैं। आप किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर डॉक्‍टर से बात करें। आने वाले समय के बारे में आपकी क्या भावना है आप क्या सोचती हैं इसके बारे में अपने साथी या डॉक्टर से बात करने का सबसे अच्छा यही समय है। 
सलाह –
 
गर्भावस्था के दौरान आने वाली कोई भी भावनाएं बाद में याद नहीं रहती। इसलिए अपनी गर्भावस्था के हर दिन को लिखने कि कोशिश करें। बच्चा होने के बाद आप इन्‍हें पढ़कर और बच्चे के साथ इन भावनाओं को बांट कर याद रख सकती हैं। अपने साथी को आपकी गर्भावस्था के हर महीने की एक तस्‍वीर लेने को कहें। वह तस्वीरों से अपने बच्चे के लिए एक स्क्रैप बुक तैयार करें। बच्‍चे को बड़ा होने पर दिखाए, यह उन्हें विशेष महसूस कराएगा तथा आप अपने गर्भवस्था के उन विशेष दिनों को हमेशा याद तथा जीवंत रख सकती है।
Mahak

Mahak

Mahak is a dedicated government employee working in the medical department, with a passion for writing. She was born and raised in Uttar Pradesh, India. She has been writing short stories, Women, Elder care, Child Care and poems since she was a child, and has continued to hone her skills over the years. Her writing has been published in several literary magazines and anthologies.

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