रमज़ान के रोज़े का महत्‍व

सभी धर्मो में लगभग हर पर्व पर उपवास या व्रत रखने कर परम्‍परा है। मुस्लिम समुदाय में रोज़ा, ईयाई धर्म में भी लेंट के दौरान उपवास, हिन्दू धर्म में व्रत, बौद्ध धर्म में भी उपवास रखा जाता है। हालांकि, सभी धर्मो के नियम लगभग समनं होते है पर इस्‍लाम धर्म में उपवास का तरीका थोड़ा अलग होता है। रमज़ान के दौरान रोजे रखने से न सिर्फ उनका स्‍वास्‍थ्‍य ठीक रहता है बल्कि उन्‍हे अपने जीवन में बुरी आदतों पर संयम रखना भी आ जाता है। रमज़ान के दौरान पूरे एक महीने तक रोज़े रखे जाते है। रोजे के दौरान दिन में कुछ भी खाना पीना नहीं होता है और शाम के एक निश्चित समय के बाद आप खा सकते हैं।
इस दौरान, कई प्रकार के व्‍यसनों से भी दूर रहा जाता है। रमजान के दौरान रोजे रखना, अल्‍लाह़ के प्रति गहरी आस्‍था को दिखाता है।
नए चांद के साथ शरू हुए रोजे अगले 30 दिनों के बाद नए चांद के साथ ही खत्‍म होते है। आइए जानते है कि रमज़ान के दौरान रोजे रखने का क्‍या महत्‍व होता है-

पवित्र कुरान: 

 

कहा जाता है रमज़ान के पवित्र महीने के दौरान ही पैगम्‍बर मोहम्‍मद को कुरान के बारे में पता चला था। अल्‍लाह ने अपने दूत के रूप में पैगम्‍बर के रूप में चुना था। रमज़ान के आखिरी 10 दिन सबसे ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण होते है, जब कुरान पूरी हुई थी।

पैगम्‍बर मोहम्‍मद:

पैगम्‍बर साहब एक संत के रूप में पैदा हुए थे। लेकिन वह दौर हिंसा का था। जो लोग उनके जीवन में प्रमुख या उनके अपने थे, उन्‍ही लोगों ने उनका अपमान किया था। अपने आसपास की दुनिया से निराश होकर पैगम्‍बर मोहम्‍मद ने खुद को एकांत में रख जंगल में चले गए। माउंट हिजरा में उन्‍होने दिन और रात बिताई और अल्‍लाह का सच्‍चा ज्ञान प्राप्‍त किया। यही कारण, कि एक महीने के दौरान सभी लोग बुरी आदतों से दूर रहने का प्रयास करते है।

एक महीने के रोज़े के पीछे तर्क: 

हर धर्म में व्रत रखने की एक वजह होती है। इस दौरान लोग खुद को बुरी आदतों से दूर रखते है, खुद पर संयम रखते है और ईश्‍वर को याद करते है। इस पूरे महीने के दौरान लोग, तहेदिल से अल्‍लाह को याद करते है। उनके दिए इस अनमोल जीवन के लिए, उनके लिए नम़ाज अदा तथा शुक्रिया अदा करते है, और रोज़े रखकर खाने की आदतों को सुधारते है। रोज़े में रात के दौरान भोजन ग्रहण किया जाता है, जो दर्शाता है कि व्‍‍यक्ति अपने जीवन के लिए आवश्‍यक भोजन ही ग्रहण कर रहा है।
चांद का चमकना, अल्‍लाह के अस्तित्‍व और ज्ञान को दर्शाता है।
रमज़ान के दौरान, चांद का महत्‍व सबसे ज्‍यादा होता है। 
 इस दौरान सिर्फ अल्‍लाह के लिए नहीं बल्कि मनुष्‍य खुद को स्‍वस्‍थ रखने के लिए भी अच्‍छा कार्य करता है। यह पवित्र महीना लोगो के गिले शिकवें मिटा देता है। इस दौरान लोग एक दूसरे के साथ मिल बाट कर रहते और खाते है, इसमें न कोई अमीर होता है ना कोई गरीब और ना ही किसी में सांप्रदायिक भेदभाव होता है।इसलिए, रोजे रखने के पीछे का कारण समझिए और सच्‍चे ज्ञान को प्राप्‍त कीजिए। रमज़ान का यह पवित्र  महीना आप सभी को मुबारक हो
Mahak

Mahak

Mahak is a dedicated government employee working in the medical department, with a passion for writing. She was born and raised in Uttar Pradesh, India. She has been writing short stories, Women, Elder care, Child Care and poems since she was a child, and has continued to hone her skills over the years. Her writing has been published in several literary magazines and anthologies.

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