दूसरे सप्ताह की लापरवाही से गर्भपात की आशंका | Miscarriage due to carelessness in the second week
गर्भधारण के बाद महिला के शरीर में कुछ प्रतिक्रियाएं होनी शुरू हो जाती हैं, जो शरीर में बाहरी रूप में दिखाई देने शुरू हो जाते हैं।
गर्भधारण के बाद महिला के शरीर में कुछ प्रतिक्रियाएं होनी शुरू हो जाती हैं, जो शरीर में बाहरी रूप में दिखाई देने शुरू हो जाते हैं।
गर्भावस्था महिलाओं के लिए जितना उत्साहित, तथा ख़ुशी भरा समय होता है वही दूसरी ओर अत्यन्त सावधानी की आवश्यकता भी होती है। लेकिन ये सावधानी उस स्थिति
गर्भावस्था आपके जीवन के सबसे खूबसूरत, रोमांचित, कठिन और महत्वपूर्ण चरणों में से है, आप जो कुछ भी करती हैं, आपकी सेहत, आपका खाना, आपकी सोच, इन सबका असर
बुढ़ापा एक समय जब 60 पार करते ही मौत का भय लोगों को सताने लगता था। लेकिन अब तो बुढ़ापे के इस उम्र को भी लोग पूरी मस्ती से
इन दिनों अगर आपके पार्टनर उदास, या परेशान रहते हैं तो आपके लिए ज्यादा परेशानी हो जाती है। कई बार ऐसा होता है कि आप उनकी
गर्भावस्था, पूरे नौ महीने की अवधि इस दौरान गर्भवती महिला कई सारे अनुभव होते हैं। उसके पेट मे तरह तरह के हलचल होती है, इस दौरान गर्भवती महिला को अलग-अलग
हर महिला के जीवन में गर्भावस्था सबसे सुनहरे पलों में से एक होता है। इस दौरान मां को अपने अजन्मे बच्चे से अगाध प्रेम हो जाता
नींद लेने से शरीर और दिमाग दोनों को सुकुन तथा आराम मिलता है। गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में कई प्रकार परिवर्तन होते हैं जिसके कारण गर्भवती
औरत ममता की मूर्ति, त्याग की देवी, पानी की तरह निर्मल तथा शीतल ऐसे कई उपमा है महिलाओं के लिए, लेकिन आपने ये कहावत भी सुनी ही होगी
बुजुर्ग हमारे बड़े हमारी नींव, हमारे जीवन के स्रोत जिन्होंने अपने जीवन के महत्वपूर्ण समय, सोच, तथा सपने हम पर न्यौछावर कर दिया, उनके देखभाल के लिए
महिलाएं एक अनसुलझी पहेली? अक्सर आपने यह बात किसी न किसी से सुनी होगी या कही होगी कि किसी भी महिला को समझना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन
गर्भावस्था का उन्नीसवां सप्ताह तथा आपकी दूसरी तिमाही चल रही है। इस दौरान आपके शरीर के साथ गर्भ में पल रहे शिशु में भी कुछ नए परिवर्तन होने
गर्भावस्था के सत्रहवें हफ्ते में आप पहले से र्भावस्था के अंतिम हफ्ते तक आपके अंदर शारीरिक बदलाव आते रहेंगे। सत्रहवें हफ्ते में हो सकता है
गर्भावस्था के सोलहवें सप्ताह में आपको अपने गर्भस्थ शिशु की पहली हलचल महसूस होनी शुरू हो जाएगी, इस हलचल को स्पन्दन कहते हैं। यह क्रिया 16वें से 20वें हफ्ते
गर्भावस्था में कई बार महिलाओं को कुछ आतंरिक समस्याएं हो जाती हैं। जब कभी कुछ महिलाओं को भयानक दर्द होने लगता है या उन्हें रक्त निकलने लगता है।
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