सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कुछ निश्चित लक्षणों को अनदेखा नहीं करें और न ही इनके बारे में असावधानी बरतनी चाहिए न ही इनके प्रति आलस दिखाकर इसे टालना चाहिए।नीचे कुछ लक्षण दिए गए हैं जिन्हें अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए। जानिए कि आपमें, आपके परिवार या आपके किसी निकट के व्यक्ति में ये लक्षण तो नहीं दिखाई दे रहे:
कोरोनरी हार्ट डिज़ीज़ (सीएचडी)
हार्ट अटैक
हार्ट अटैक तब आता है जब कोरोनरी धमनी अवरुद्ध हो जाती है तथा यह हृदय की मांस पेशियों तक होने वाले रक्त प्रवाह को अवरुद्ध कर देती हैं।
सबसे सामान्य लक्षण जो अधिकाँश लोगों में दिखाई देता है वह है छाती में दर्द या या छाती में बाईं ओर बैचनी महसूस होना। यह अस्थिर दर्द की तरह होता है। यह दर्द बहुत हल्का या बहुत अधिक हो सकता है। कभी कभी आपको छाती में जलन या साँस लेने में असुविधा और बेचैनी का अनुभव हो सकता है। यदि आप पहले से ही हृदय रोगी हैं तो आपको कुछ अन्य लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है। डायबिटीज़ से संबंधित मांसपेशियां शरीर के दर्द के संकेतों में बाधा डालती हैं जिसके कारण डायबिटीज़ के मरीजों को बिना किसी लक्षण के भी हार्ट अटैक आ सकता है।
हार्ट फेल
यह एक आम समस्या हो गयी है जो सांस लेने में तकलीफ, पैर, पेट, एड़ी और नसों में सूजन के कारण होती है। यह सब अधिक ब्लॉकेज होने के कारण होता है जो हृदय को ठीक तरह से कार्य नहीं करने देता। इसके कारण आपको कुछ बेचैनी के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। आगे अधिक कमज़ोरी होने से स्थिति अधिक बिगड़ सकती है।
डायबिटिक कार्डियोमायोपैथी
डायबिटिक कार्डियोमायोमायोपैथी को प्रारंभिक चरणों में नहीं पहचाना जा सकता। इस प्रकार की घटनाओं में शरीर को प्रतिक्रिया व्यक्त करने में अधिक समय लगता है। अधिकाँश डायबिटिक मरीजों को जिनमें शुगर का स्तर बहुत अधिक होता है उन्हें उनके शुगर के स्तर के आधार पर इन्सुलिन की दवाई या इंजेक्शन लेने की सलाह दी जाती है।
डायबिटीज़ के मरीजों में यह लक्षण बाद के चरणों में दिखाई देता है। लोग सोचते हैं कि वे बहुत अधिक सक्रिय हैं परन्तु वे नहीं जानते कि उनके शरीर के अंदर क्या हो रहा है। 40 वर्ष की आयु के बाद प्रत्येक स्त्री पुरुष को हर महीने अपनी जांच करवानी चाहिए।