बर्तन धुलना पहले लोगो को गन्दा काम लगता था। और इसके लिए घर में बाई आवश्यकता भी पड़ती थी, पर अब ऐसा नहीं है. अब लोगों की सोच ऐसी नहीं है। इन दिनों बर्तन धुलना एक फैशनेबल ट्रेंड बन गया है, डिशवॉश लिक्विड के विज्ञापनों ने बर्तन धुलने के कामों को एक ग्लोबल इमेज दे दी है। अब लोगों को खुद से घर के बर्तन धुलना गंदा काम नहीं लगता है। वैसे अब बर्तन धुलना उतना कठिन काम रह नहीं गया है जितना पहले समय में होता था। अगर आप रेगुलर बर्तन धोती हैं या थोड़े समय बाद कहीं सेटल होने वाली हैं, जहां धोना पड़ सकता है, तो कई बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है। बर्तनों को धुलने से पहले एक स्क्रबर से साफ कर दें, ताकि सारी जूठन निकल जाएं। बर्तनों को धुलने के बाद उन्हें ऐसे रखें कि वो सूख सकें, वरना उनमें बदबू आने लगती है। बर्तनों को रैक में पोंछकर ही लगाएं। ऐसी ही कई और बातों को बर्तन धुलते समय ध्यान में रखना चाहिए, जो कि निम्न प्रकार हैं:
बर्तन इक्ट्ठा कर लें-
बर्तनें को धुलने से पहले उन्हें धुलने वाली जगह पर इक्टट्ठा कर लें। बार-बार भागे नहीं। बाकी सारी आवश्यक सामग्री जैसे- साबुन, स्क्रबर और तौलिया को भी रख लें।
नाज़ुक बर्तन पहले धुलें-
भारी या बड़े बर्तनों को धुलने से पहले हल्के या क्रॉकरी वाले बर्तन पहले धुलें। वरना उनके टूटने अथवा खरोंच लगने का डर बना रहता है। चम्मचें, कांटे और छुरियां भी पहले धुल लें।
चिकने बर्तन भिगो दें-
बर्तनों को धुलने से पहले चिकने बर्तनों को एक जगह रख कर उनमें गर्म पानी और साबुन डाल दें, ताकि उनकी चिकनाई छूट जाएं और उन्हें धुलने में ज्यादा मशक्कत न करनी पड़े।
बर्तन धुलना-
बर्तनों को मांजने के बाद उन्हें छोटे से लेकर बड़े के क्रम में धुलना शुरू करें। इससे पानी की खपत कम होगी और धुलने में आसानी तथा वो अच्छे से साफ भी हो जाएंगे।
बर्तनों को सुखाना-
बर्तनों को धुलने के बाद एक साथ घुसाकर न रखें बल्कि डलिया या स्टैंड आदि में अलग-अलग रखें। बाद में उन्हें तौलिया से पोंछकर सूखने रख दें। अगर बर्तन अच्छी तरह नहीं सूखते हैं तो पेट में संक्रमण होने की संभावना रहती है।