गर्मियों में शिशु रहे स्वस्थ

 
 
आजकल के इस मौसम में जहां बढ़ते तापमान, लू चलती आंधी में तापमान के साथ साथ बच्चों में कई तकलीफे भी बढ़ रही है ऐसे में हर आयु के बच्चों को विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है कुछ बातो को ध्यान में रखकर आप अपने बच्चों का ध्यान रख सकती है। 
 
नवजात से एक वर्ष तक –
 
  • बच्चों को करीब 20 से 25 डिग्री तापमान में रखें। क्योकि अधिक सर्दी बच्चों को लिए नुकसानदायक होती है तो बच्चों को ज्यादा गर्मी या लपेटने से बुखार आ जाता है। 
  • शिशुओं को ज्यादा गर्मी या धूप मे ना रखें। 
  • शिशुओं को नियमित स्तनपान करा रहे माँ अपनी भोजन पर विशेष ध्यान देते हुए तरल पदार्थो का ज्यादा से ज्यादा सेवन करे। 
  • छः माह के बाद बच्चों को उबला पानी या अनाज का पानी पिलाये। 
  • शिशुओं को दूध की बोतल, चुसनी न दे इससे संक्रमण का खतरा रहता है। यदि किसी परिस्थियों में आप ये कर रही है तो बोतल एक बे इस्तेमाल करने के बाद इसे अच्छी तरह धो कर कम से कम 30 मिनट तक उबाल कर ही दुबारा इस्तेमाल करें। बोतल द्वारा संक्रमण का खतरा इस मौसम में सबसे ज्यादा होता है। 
  • बच्चों का टीकाकरण जरूर कराये और नवजांत शिशु को गोद लेने से पहले हाथ साबुन से अच्छी तरह करें। 
एक से पांच वर्ष –
 
  • ऐसे मौसम में बच्चों को कॉटन कपडे पहनाए। 
  • समय समय पर हल्का फुल्का खाने को देती रहे ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ दे। भारी तथा बाजार की खुली चीजे खिलाने से परहेज करे। 
  • इन दिनों खसरा, चेचक, टायफॉइड, व पीलिया जैसी बीमारिया बहुत फैलती है। इनसे बचाव के लिए सदैव डॉक्टर के संपर्क में रहे और नियमित टीके लगवाती रहे। 
  • बच्चों के खिलौने तथा उनके आस पास हमेशा साफ सफाई रखें, बच्चों को हर चीज मुंह में डालने की आदत होती है। 
पांच वर्ष से बड़े बच्चे –
 
  • बच्चों को ज्यादा धुप में न खेलने दें। 
  • घर एवं बाहर के तापमान का सामजंस्य बनाए रखें। बच्चों को सर्द और गर्म न हो। 
  • साफ पानी पिये तथा फल और हरी सब्जियों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें। 
  • बच्चों की सफाई का विशेष ध्यान रखें। उनके शौच के बाद, खेलने के बाद या कही बाहर से आने के बाद साबुन से हाथ धुलाए एवं बच्चों को भी ऐसा करना सिखाये। 
  • हल्का तथा जल्दी हजम होने वाला भोजन खिलाएं। 

ध्यान दें –

 
  • बाजार आदि जाने पर बच्चों को कभी बंद कार में ना छोड़े , इससे उन्हें हीट स्ट्रोक हो सकता हैं। 
  • स्कूल से या बाहर से घर आते ही तुरंत ठंडा पानी पीना या ए सी के सामने आना नुकसानदेय हैं। 
 
Mahak

Mahak

Mahak is a dedicated government employee working in the medical department, with a passion for writing. She was born and raised in Uttar Pradesh, India. She has been writing short stories, Women, Elder care, Child Care and poems since she was a child, and has continued to hone her skills over the years. Her writing has been published in several literary magazines and anthologies.

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