थ्रेडिंग के बाद होने वाले पिपंल और उनसे बचने के उपाय | Pimples after threading and ways to avoid them

आजकल के समय एक ऐसा समय है जहां पर हर एक लड़की बिना पार्लर जाएं नहीं रह सकती है। सप्ताह या फिर महीने में एक बार तो जरुर जाना है। चाहें वह वैक्स के लिए ही जाना हो। पार्लर में जाने के बाद पता चलता है कि क्या-क्या करवाना है। ब्लींचिंग, क्लीजिंग, पेडिक्योर, मेरिक्योर, क्लीनिंग आदि। इन्ही में से एक है वो है थ्रेडिंग।

थ्रेडिंग का चलन आज के समय से नहीं बहुत ही पहले से है। थ्रेडिंग का मतलब है कि माथे और अपर लिप के अतचाहे बालों को किसी धागें की मदद से हटाना। इससे आपका चेहरा खूबसूरत दिखने लगता है। थ्रेडिंग हर तरह की स्किन में की जाती है। चाहे वह नार्मल हो या फिर संवेदनशील। लेकिन कभी-कभी थ्रेडिंग करवाने के बाद स्किन संबंधी कुछ समस्याएं हो जाती है। जैसे कि चेहरे में पिंपल निकलना, लाल चकत्ते पड़ना आदि। जिसके कारण आपका चेहरा खूबसूरत होने के बजाए बदसूरत हो जाता है। साथ ही इन्हे चकत्तों में खुजली होती है। जिससे कारण यहां पर रैशेज भी पड़ जाते है। जानिए थ्रेडिंग कराने के बाद पिपंल और चकत्तों से कैसे बचें। अगर आप थ्रेडिंग करवाने जा रही है तो उससे पहले अपने चेहरे को गुनगुने गर्म पानी से धो लें और कॉटन की सहायता से पोछ लें। इस बाद का ध्यान रहे कि अगर आप तैलिया से पौछ रही है तो बहुत ही मुलायम से पोछे। जिससे चेहरे को रगड़ न पड़े। जिसके कारण आपकी स्किन ड्राई हो सकती है। इसके बाद चेहरे पर दालचीनी की चाय से बना घरेलू टोनर इस्तेमाल करें। इससे आपकी स्किन ड्राई नहीं होगी।

अब आपकी स्किन थ्रेडिंग बनवाने के लिए बिल्कुल तैयार है। अगर आपको थ्रेडिंग के बाद जलन होती है तो आइब्रो पर दालचीनी से बना टोनर लगाकर उस पर बर्फ लगाए इससे आपको जलन नही होगी थ्रेडिंग के बाद अगर आप अपना चेहरा धोना चाहती है तो गुलाब जल का इस्तेमाल करें। इससे आइब्रो पर लगें कट और पिंपल सही होते है।
साथ ही कोशिश करें 12 से 24 घंटे के बीच आप अपनी आइब्रो को न छुए इससे चेहरे पर लाल चकते और पिंपल हो सकते है। इस बात का ध्यान रखें 12 घंटे तक चेहरे पर कोई भी क्लींजर और मॉशचराइचर या किसी भी तरह की क्रीम का प्रयोग न करें इनमें मिले ऐसेडिक से आपके चेहरे को नुकसान पहुंच सकता है और 12 घंटे तक थ्रेडिंग के बाद स्टीम ट्रिटमेंट का यूज न करें।
Mahak

Mahak

Mahak is a dedicated government employee working in the medical department, with a passion for writing. She was born and raised in Uttar Pradesh, India. She has been writing short stories, Women, Elder care, Child Care and poems since she was a child, and has continued to hone her skills over the years. Her writing has been published in several literary magazines and anthologies.

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