हममे से सभी ने अक्सर पैर के सोने का एहसास जरूर किया हैं। पैर का सोना कष्टदायक होता हैं। ऐसा इसलिए क्योकि फिर आपका मन नहीं लगता। लेकिन क्या आप अपने पैर के सोने के असली कारण को जानते है ?
कारण
पैरों के सोने की स्थिति में उनमे भारीपन, झुनझुनाहट, और अजीब सी पिन या सुई के चुभन जैसी अनुभूति होती है। ऐसा पैरों में पर्याप्त रूप से रक्त ना पहुंचने के कारण होता हैं। आपके पैर के तंत्रिकाओं (नर्व्स)पर पड़ने वाले दबाव के कारण सोते हैं। नर्व्स आपके शरीर में चलने वाले छोटे तारो की तरह होते हैं। नर्व्स आपके मस्तिष्क और शरीर के कई भागों के बीच सन्देश ले जाने का काम करतीं हैं।
पैर पर ज्यादा दबाव
अगर आप लम्बे समय तक अपने पैर के सहारे बैठते हैं तो पैरो की नर्व्स पर दबाव पड़ता हैं। ये नर्व्स कोशिकाएं फाइबर कि बनी होती है। प्रत्येक एक कोशीय अलग अलग संवेदनाओ को मस्तिष्क तक पहुंचाने का कार्य करतीं हैं। इन फाइबरो की मोटाई भी कम ज्यादा होती है। इन पर दबाव पड़ने के कारण ब्रेन तक नसों द्वारा पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन और रक्त का संचरण (सर्क्युलेशन )नहीं हो पाता और ब्रेन तक उस अंग के बारे में पहुंचने वाली जानकारी रक्त और ऑक्सीजन के अभाव में अवरुद्ध हो जाती है। इस कारण वहां संवेदना महसूस नहीं हो पाती और वह अंग सो जाता है। जब उस अंग से दबाव हट जाता हैं तो रक्त और ऑक्सीजन का संचरण नियमित हो जाने से वह अंग पुनः संवेदनशील हो जाता है। पैरो की मालिश करने से यह समस्या दूर हो जाती है।