इन दिनों तीस वर्ष की आयु के बाद महिला को गर्भवती होने में कई कारणों की वजह से काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अगर आप मां बनने की इच्छा रखती हैं तो 30 वर्ष की आयु से पहले ही प्रयास करें। तीस की उम्र के पार मां बनने में कई दिक्कतें आती हैं। 35 के बाद गर्भावस्था तथा नार्मल डिलीवरी के चांसेस काफी कम होने लगते हैं।
तीस वर्ष की महिला में गर्भवती होने के 20 प्रतिशत चांस ही रह जाते हैं, जो उम्र घटने के साथ कम ही होते हैं। जबकि 40 वर्षीय महिला में पूरे वर्ष में मात्र 5 प्रतिशत ही चांस होता है कि वो मां बन पाएं। पहले इतना कम प्रतिशत नहीं था, लेकिन कई कारणों के चलते यह गंभीर समस्या बनती जा रही है। बढ़ती उम्र के मां बनने में, जन्मविकार, विशिष्ट डाउन सिंड्रोम या बच्चे व मां को कोई अन्य गंभीर बीमारी हो सकती है।
30 वर्षीय महिला में 900 में से लगभग 1 बच्चे को डाउन सिंड्रोम होने का चांस रहता है। जबकि 25 वर्षीय महिला में 1500 में से 1 बच्चे को डाउन सिंड्रोम होने का चांस होता है। लेकिन चालीस की उम्र तक 375 में से किसी एक को डाउन सिंड्रोम होने का खतरा हो जाता है।
मां की उम्र बढ़ने के साथ गर्भपात होने का खतरा बहुत बढ़ जाता है। 35 वर्ष की महिलाओं में 80 प्रतिशत गर्भपात हो ही जाता है क्योंकि उनका शरीर, उस बच्चे के लिए सही नहीं रह जाता है। जबकि कम उम्र में यह प्रतिशत, 10 से 20 ही होता है। 35 वर्ष की उम्र के बाद, मां बनने का निर्णय सबसे घातक साबित हो सकता है क्योंकि इस उम्र में महिला को कई स्वास्थ्य सम्बंधी समस्याएं भी हो सकती है। कई बार महिलाओं को एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (फेलोपियन ट्यूब में गर्भधारण) भी हो जाती है जिससे तुरंत गर्भपात हो जाता है।
30 वर्ष की उम्र के बाद, सामान्य प्रसव होने के संभावनाए भी कम होते जाते हैं। दिनों-दिन गर्भवस्था सम्बंधित समस्याएं बढ़ती ही जाती हैं और गर्भावधि में मधुमेह भी कई महिलाओं को हो जाता है। उच्च रक्तचाप जैसी कई जटिलताएं सामान्य बात है।
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