गर्भावस्था में कई बार महिलाओं को कुछ आतंरिक समस्याएं हो जाती हैं। जब कभी कुछ महिलाओं को भयानक दर्द होने लगता है या उन्हें रक्त निकलने लगता है। तो ऐसे में हल्के से दर्द होने पर कुछ महिलाएं घबराकर खुद से दर्द निवारक दवाईयों का सेवन कर लेती है, जिससे कई बार उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। यही कारण है कि गर्भवती महिलाओं को कोई भी समस्या होने पर सदैव डॉक्टर की सलाह से ही कोई दवाई या लेने को कहा जाता है।
दर्द निवारक गोलियां, बच्चे के जन्म विकार के कारण बन सकती हैं?
जी हाँ! हाल ही में हुए एक सर्वे से सिद्ध हुआ है कि जो महिलाएं, गर्भावस्था के दौरान स्वयं के द्वारा दर्द निवारक गोलियों का सेवन करती हैं उनमें बच्चे के जन्म के समय विकार होने की 6 प्रतिशत संभावना बढ़ी हुई पाई जाती है।
जो महिलाएं दर्द निवारक का सेवन नहीं करती है, उनमें ऐसे दोष होने की संभावना न के बराबर होती है। यह भी देखा गया है कि महिला के द्वारा तनाव, अवसाद, बाईपोलर विकार आदि की दवा का सेवन करने पर भी बच्चे की मानसिक अवस्था पर प्रभाव पड़ता है।
ये स्ट्रांग कैमिकल वाली दवाईयां जब भ्रूण में प्रवेश कर जाती हैं जो ये बच्चे की केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करने लगती हैं और इससे बच्चे में मस्तिष्क सम्बंधी दोष भी हो जाते हैं। ऐसे में बेहतर होगा कि दर्दनिवारक दवाईयों का सेवन न करें। यदि आवश्यक लगे तो अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर लें।
किसी भी गर्भवती महिला को किसी भी प्रकार की दवा का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य ले लेना चाहिए। कई बार, ये दवाईयां, गर्भनाल की सहायता से बच्चे के रक्त में भी घुल जाती हैं और उस पर भी इनका प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ने लगता है। जिससे बच्चे के मानसिक तथा बौद्धिक विकास पर असर पड़ता है।