क्‍यूं नहीं लगायें तकिया, बच्‍चे को सुलाते वक़्त | Why not put a pillow while putting the Baby to sleep

ऐसा मानना होता है कि हाल ही में जन्‍मे बच्‍चे और छोटे शिशुओं को तकिया लगाना उनके स्‍वास्‍थ्‍य के दृष्टि से सही नहीं होता है। ये सही बात है, कि छोटे बच्‍चों तथा नवजात शिशुओ को तकिया लगाना खतरनाक साबित हो सकता है।इसलिए बेहतर यही होगा कि मां उन्‍हें गोद में या फिर बिस्‍तर पर सीधे ही सुलाएं। आइये जानते है कि बच्‍चे को तकिया नहीं लगाने के पीछे क्या कारण होते हैं:

1. सांस की परेशानी baby633x319

तकिया लगाने से बच्‍चे की सांस नली अंदर से मुड़कर दब सकती है। चूंकि उनका शरीर काफी नाजुक होता है तो ऐसे में बच्चे का दम घुट सकता है।

2. शिशु मृत्‍यु सिंड्रोम
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तकिया को लगाने से बच्‍चे में अचानक शिशु मृत्‍यु सिंड्रोम हो सकता है क्‍योंकि तकिया लगाने से सांस नली अवरूद्ध तथा फेफड़े पर दबाव हो सकती है।

3. ओवरहीटिंग 05-1420441371-27-1401181909-pnp7

फैंसी तकिए गर्म होते हैं और बच्‍चे को लगाने से उनके सिर में गर्मी पैदा हो सकती है जिससे उन्‍हें नुकसान ही पहुँचेगा, और बच्चा इससे अच्छी नींद नहीं ले पायेगा। कई बार यह जानलेवा भी होता है।

4. गर्दन मुड़नाbaby-cute-dreams-elephant-Favim.com-2367517

तकिए इतने ज्‍यादा गुदगुदे होते हैं कि उनसे गर्दन मुड़ने का डर रहता है। बच्‍चों के गले के पास की हड्डी बहुत नाज़़क होती है, अगर वह खिसक जाती है तो बच्‍चा बहुत रोता है। ऐसे में तकिया लगाना, इस समस्‍या को पैदा कर सकता है।

5. सपाट सिर होनाa791ce52d72bc6b49d0760efd3151956बच्‍चे को तकिया लगाने से उसका सिर फ्लैट हो सकता है, क्‍योंकि उसे सिर पर लगातार प्रेशर पड़ता रहता है।

नवजात शिशु अथवा बच्‍चे को सुलाते समय सदैव निम्‍न बातों का ध्‍यान रखें:

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  • बच्‍चे को हमेशा अपनी बैक पर सुलाएं न कि सीने पर।
  • 2 साल ही उम्र तक बच्‍चे को तकिया न लगाएं।
  • बच्‍चे का तकिया, फ्लैट और फर्म होना चाहिए।
  • बच्‍चे के सिर की‍ स्थिति हर दो घंटे में बदलते रहना चाहिए।
  • बच्‍चे के रूप में कोयला, हीटर या कोई भी इलेक्‍ट्रॉनिक गैजेट लगाकर न छोडें।
Mahak

Mahak

Mahak is a dedicated government employee working in the medical department, with a passion for writing. She was born and raised in Uttar Pradesh, India. She has been writing short stories, Women, Elder care, Child Care and poems since she was a child, and has continued to hone her skills over the years. Her writing has been published in several literary magazines and anthologies.

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