आजकल यह देखने में आ रहा है कि अधिक से अधिक पुरुष खाना बनाने में रूचि ले रहे हैं। कई जाने माने शेफ़ पुरुष ही हैं। हालाँकि यह माना जाता है कि किचन का काम सिर्फ महिलाओं के लिए ही होता है। परन्तु आजकल पुरुषों का शेफ़ और बेकर्स होना एक आम बात हो गयी है। हालाँकि यह बात केवल फ़ूड इंडस्ट्री तक ही सीमित है। घर पर जो कुछ होता है वह एकदम अलग होता है। एक शादीशुदा आदमी कितनी बार खाना बनाता है? शायद बहुत कम। जब घर पर खाना बनाने की बात आती है तो बहुत अधिक पुरुष इस बात में अधिक रूचि नहीं रखते। महिलायें चाहती हैं कि उनके पति खाना बनायें परन्तु सभी महिलायें इतनी भाग्यवान नहीं होती कि उन्हें ऐसे पति मिलें। क्या आप उन महिलाओं में से हैं जो अपने पति को खाना बनाते हुए देखना पसंद करेंगी? यहाँ 7 कारण हैं कि महिलाएं क्यों चाहती हैं कि उनके पति खाना बनायें। आइये देखें
1. लाड़ प्यार महसूस करने के लिए
कभी न कभी सभी को लगता है कि उसे कोई प्यार करे। यदि आपको आपके दैनिक कामों से छुट्टी देकर आराम करने के लिए कहा जाए तथा आपके पति खाना बनायें तो क्या यह आपके लिए एक ट्रीट नहीं होगी? टेबल पर खाना लगा हुआ मिलना इस विचार मात्र से शाही एहसास होने लगता है। कल्पना कीजिये कि आप कैसा महसूस करेंगी जब आपको रोज़ की तरह खाना नहीं बनाना है, जिसमें मेन्यु निश्चित करना, सभी चीज़ें एकत्रित करना पदार्थ बनाना, खाना बनाना, पकाना, साफ़ सफ़ाई और खाना परोसना शामिल होता है। बहुत अच्छा महसूस होगा।
2. एक साथ समय बिताना
महिलाएं क्यों चाहती हैं कि उनके पति खाना बनायें, इसका एक कारण यह हो सकता है कि वह साथ में समय बिताना चाहती हैं। आज की इस भाग दौड़ की ज़िन्दगी में एक दूसरे के पास बैठने के लिए बहुत कम समय मिलता है। तो यदि पति पत्नी साथ मिलकर खाना बनायें तो एक साथ कुछ समय बिता सकते हैं और इसमें बहुत मज़ा आता है।
3. घर में संतुलन रहता है
प्यार में कोई भी सर्वश्रेष्ठ नहीं होता। प्रत्येक व्यक्ति की अपनी सीमाएं होती है, और जब घर के काम करने की बारी आती है तो ये काम कभी खत्म न होने वाले होते हैं। यदि घर का पुरुष खाना बनाने के काम में मदद करे तो घर की महिला के लिए यह काम थोडा आसान हो जाता है। इस प्रकार काम आपस में बांटकर घर पर संतुलन बनाया जा सकता है।
4. घर का प्रबंधन
जिसमें प्यार और देखभाल तथा काम बांटने की भावना हो, अच्छे से प्रबंधित होता है। ऐसा करने से घर अच्छे से प्रबंधित हो जाता है। ऐसे समय में जब पत्नी को बाहर जाना पड़े और खाना बनाने के लिए समय न रहे तब ऐसी स्थिति में पुरुषों को ज़िम्मेदारी संभालनी चाहिए।
5. बच्चों के सामने उदाहरण
हर बच्चे के लिए घर बच्चे की पहली पाठशाला होती है। जब बच्चा अपने घर में आपसी समझ और कामों का बंटवारा देखता है तो वह भी घर के काम करने में हिचकिचाता नहीं है। दुःख की बात यह है कि बहुत से घरों में इस प्रकार की योजना और समझ नहीं होती जो बच्चे के मन पर एक गहरा और पक्षपाती प्रभाव छोड़ता है।
6. मुसीबत के समय से बचने के लिए
जीवन की सत्य को जानें। कोई भी स्त्री सुपर वुमेन नहीं होती और कभी न कभी बीमार पड़ती ही है। तब क्या होता है? खाना सबके लिए आवश्यक हिया तथा हर बार आप बाहर के खाने पर निर्भर नहीं रह सकते। किसी न किसी को तो खाना बनाना ही पड़ेगा।
7. पुरुष के जीवन में विविधता लाने के लिए
खाना बनाने का काम बहुत रिलेक्सिंग होता है। कई बार पत्नी देखती है कि पति का मूड ठीक नहीं है और वह कुछ नहीं करना चाहता। रोज़ रोज़ ऑफिस का काम उन्हें बोर लगता है और वे काफी थकावट महसूस करते हैं। खाना बनाने से निश्चित ही उनका मूड ठीक हो जाएगा। कुकिंग दैनिक जीवन का एक आवश्यक भाग है। परंतु ऐसा नहीं समझना चाहिए कि यह काम केवल महिलाओं का ही है, इसे प्यार से बांट कर बीवी के प्यार का लुफ्त लिया जा सकता है।